बिहार चुनाव2020: क्या सचमुच बदल रही है बिहार की राजनीति? सीट शेयरिंग में बड़ा बदलाव।
  • बड़ी पार्टियों की सीट शेयरिंग की वजह से छोटी पार्टियों को हो रही है कठिनाई।
  • बीजेपी और कांग्रेस का सीट शेयरिंग जायदा है।


बिहार की राजनीति अब बदलने लगी है. अभी तक जिन चुनावों में क्षेत्रीय दलों के पीछे राष्ट्रीय पार्टियां चला करती थीं, वो आज इन पर भारी पड़ रही हैं. चाहे कांग्रेस हो या फिर बीजेपी, दोनों ही पार्टियां इस बार सीट शेयरिंग में क्षेत्रीय दलों पर भारी पड़ीं. आरजेडी से कांग्रेस ने 70 सीटें लीं, तो वहीं बीजेपी और जेडीयू का लगभग बराबरी पर समझौता हुआ है. 


पिछले पांच चुनाव पर यदि डालें नजर बिहार की राजनीति के प्रमुख दलों के पिछले पांच चुनाव के आंकड़ों को उठाकर देखा जाए, तो पता चलता है कि ये दल बड़ी मुश्किल से खुद की ताकत के दम पर राजनीतिक प्रतिनिधित्व कर पा रहे हैं. दरअसल गठबंधन में सीटें बंट जाने के चलते इन दलों को खुलकर चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है. वहीं गठबंधन और बंटवारे की इस प्रक्रिया में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं में भी उत्साह कम होता जा रहा है. पिछले चुनावों के परिणाम बताते हैं कि प्रदेश में कोई भी दल अकेले चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है. दरअसल सरकार बनाने की चाह में इन दलों ने अपने संगठन की ताकत क्षेत्र विशेष या सीट विशेष तक ही सीमित रखी है.


  • ये  हैं आंकड़े 
  • पार्टी-प्रत्याशी-जीते
  • विधानसभा वर्ष 2000
  • भाजपा- 168- 67 सीपीआइ -153- 5 कांग्रेस -324 -23 जेडीयू- 87- 21 आरजेडी- 293- 124
  • विधानसभा फरवरी 2005 बीजेपी- 103- 37 सीपीआइ- 17 -3 कांग्रेस- 84 -10 जेडीयू -138- 55 आरजेडी -215 -75 
  • विधानसभा अक्तूबर 2005 बीजेपी -102- 55 सीपीआइ -35- 3 कांग्रेस -51 -9 जेडीयू -139- 88 एलजेपी -203- 10 आरजेडी -175 -54
  • 2010 का आंकड़ा बीजेपी -102- 91 सीपीआइ- 56- 1 कांग्रेस- 243- 4 जेडीयू -141- 115 एलजेपी -75- 3 आरजेडी -168 -22
  • वर्ष 2015 का आंकड़ा बीजेपी -157- 53 सीपीआइ- 98- 0 कांग्रेस -41- 0 जेडीयू- 101- 71 एलजेपी -42- 2 आरजेडी- 101 -80


विधानसभा चुनाव 2020 के लिए हुआ ये बंटवारा वहीं बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी को 121 और कांग्रेस को 70 सीटें चुनाव लड़ने के लिए मिली हैं. वहीं जेडीयू को 122, आरजेडी को 142, सीपीआई को 6, और सीपीआइएमएल को 29 सीट मिली हैं, जहां से ये पार्टियां अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार सकेंगी.


I BUILT MY SITE FOR FREE USING